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खेल और सबक

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खेल और सबक

राघव, एक ऐसा नाम जो कॉलेज से लेकर ऑफिस तक, हर लड़की के बीच चर्चा का विषय था। स्मार्ट, हैंडसम, और अपने आकर्षक अंदाज से दिल जीतने वाला। लेकिन उसके इरादे नेक नहीं थे। वह लड़कियों को फंसाने, उनसे नजदीकियां बढ़ाने और फिर उन्हें छोड़ने का मास्टर था।

उसके लिए प्यार एक खेल था, और हर बार उसे जीतने का जुनून था। उसके दोस्तों का कहना था कि राघव के लिए हर लड़की सिर्फ एक निशाना है। लेकिन राघव को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह अपनी दुनिया में मस्त था।

एक दिन, राघव की मुलाकात एक कॉर्पोरेट इवेंट में कियारा से हुई। कियारा खूबसूरत थी, लेकिन उसकी सबसे बड़ी खूबी थी उसका आत्मविश्वास। वह किसी से प्रभावित होने वालों में से नहीं थी। राघव को उसकी मुस्कान ने आकर्षित किया। उसने उसे प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन कियारा ने उसकी बातों का मजाक उड़ाते हुए कहा, “अगर यह तुम्हारा इम्प्रेस करने का तरीका है, तो मुझे खेद है।”

राघव को पहली बार किसी ने सीधी टक्कर दी थी। उसने इसे चुनौती मान लिया। उसने तय किया कि वह कियारा को अपने प्यार के जाल में फंसाकर छोड़ेगा।

अगले कुछ दिनों में, राघव ने अपनी पूरी कोशिश शुरू कर दी। उसने कियारा से बार-बार मुलाकातें कीं, छोटी-छोटी बातों में उसका ख्याल रखा, और धीरे-धीरे उसे अपने करीब लाने लगा। कियारा भी, चाहे जानबूझकर या अनजाने में, राघव के साथ वक्त बिताने लगी।

राघव ने कियारा को एक हिल स्टेशन ट्रिप पर चलने के लिए राजी कर लिया। उसने सोचा कि यह उसके खेल का आखिरी कदम होगा। ट्रिप के दौरान, दोनों ने कई खूबसूरत पल बिताए। एक रात, जब बारिश हो रही थी और दोनों एक छोटे से कैफे में बैठे थे, कियारा ने पहली बार राघव से अपने अतीत के बारे में बात की।

उसने बताया कि वह पहले भी एक रिश्ते में थी, लेकिन उसका दिल टूट चुका था। उसने कहा, “मुझे किसी पर भरोसा करना मुश्किल लगता है। लेकिन तुम्हारे साथ मैं थोड़ा सुरक्षित महसूस करती हूं।”

यह सुनकर राघव के अंदर हलचल हुई। उसे पहली बार लगा कि कियारा उसके लिए बाकी लड़कियों से अलग है। लेकिन उसका अहंकार और खेल खत्म करने की आदत अभी भी उसके दिल पर हावी थी।

ट्रिप के बाद, राघव ने अपने पुराने तरीके अपनाए। उसने कियारा से दूरी बनानी शुरू कर दी। वह उसके कॉल्स और मैसेज का जवाब नहीं देता। लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ।

कियारा ने अचानक राघव से संपर्क करना बंद कर दिया। उसने न कोई कॉल की, न मैसेज भेजा। राघव को लगा कि कियारा उसकी आदतों को समझ चुकी है और उसने हार मान ली है। लेकिन धीरे-धीरे राघव को महसूस हुआ कि वह कियारा को भूल नहीं पा रहा है।

कुछ दिनों बाद, राघव के ऑफिस में एक अजीब घटना घटी। एक गुमनाम ईमेल में कियारा और राघव के बीच की निजी बातचीत के स्क्रीनशॉट भेजे गए थे। इसमें राघव की उन बातों का जिक्र था, जो उसने कियारा को फंसाने के लिए की थीं।

यह ईमेल पूरे ऑफिस में वायरल हो गया। राघव की छवि खराब हो गई। वह अपने सहकर्मियों और दोस्तों के सामने शर्मिंदा महसूस करने लगा।

राघव ने कियारा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका नंबर बंद था। उसने सोशल मीडिया पर कियारा को ढूंढा, लेकिन हर जगह से उसका अकाउंट गायब था।

कुछ महीने बाद, राघव एक पार्टी में गया। वहां उसकी नजर अचानक कियारा पर पड़ी। वह पहले से ज्यादा आत्मविश्वास से भरी हुई लग रही थी। राघव ने तुरंत उसके पास जाकर सवाल किया, “यह सब तुमने क्यों किया?”

कियारा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “राघव, यह सबक तुम्हें खुद को बदलने के लिए था। तुमने हर लड़की के दिल से खेला, उन्हें इस्तेमाल किया। मैं बस तुम्हें वही दिखाना चाहती थी कि जब भरोसे को तोड़ा जाता है, तो कितना दर्द होता है।”

राघव ने गुस्से से कहा, “तुमने मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।”

कियारा ने ठंडे स्वर में जवाब दिया, “तुमने कितनी जिंदगियां बर्बाद कीं, राघव। मैंने सिर्फ तुम्हारे साथ वही किया जो तुमने दूसरों के साथ किया। फर्क बस इतना है कि मैंने इसे एक सबक की तरह किया।”

उस रात राघव ने पहली बार अपनी गलतियों के बारे में सोचा। उसने खुद को बदलने की ठान ली। उसने अपने अतीत की हर गलती को स्वीकार किया और अपनी जिंदगी को एक नई शुरुआत दी।

लेकिन कियारा की वह मुस्कान और उसकी दी हुई सीख हमेशा उसकी यादों में ताजा रही। उसने जाना कि प्यार और भरोसे के साथ खेलना किसी को जीत का एहसास नहीं दिलाता, बल्कि इंसान को खोखला कर देता है।

राघव बदल गया, लेकिन वह दर्द और पछतावा उसकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। और कियारा? वह राघव के दिल और दिमाग में हमेशा एक ऐसी लड़की के रूप में रही, जिसने उसे उसकी असली पहचान और प्यार की कीमत सिखाई।

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