यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहां राजेश और उसकी पत्नी सुमन एक साधारण लेकिन खुशहाल जीवन जी रहे थे। राजेश गांव के सबसे अमीर आदमी में से एक था और उसकी खेती-बाड़ी अच्छी चल रही थी। उसकी ईमानदारी और मेहनत की वजह से गांव में सभी उसका आदर करते थे। लेकिन उसकी यह खुशहाल जिंदगी एक आदमी को खटकती थी – रामू, जो राजेश के पड़ोस में ही रहता था। रामू के पास भी जमीन थी, लेकिन उसकी फसलें अक्सर खराब हो जाती थीं, और उसकी आमदनी बहुत कम थी। धीरे-धीरे रामू को राजेश से जलन होने लगी।
रामू ने ठान लिया कि वह राजेश की खुशियों को छीनकर रहेगा। उसकी इस जलन ने उसे एक अंधेरे रास्ते पर धकेल दिया। उसने गांव के एक काले जादू के तांत्रिक, बाबा विक्रम, से संपर्क किया। बाबा विक्रम टोना-टोटका करने में माहिर था और लोगों की ईर्ष्या का फायदा उठाकर उनसे पैसे ऐंठता था। रामू ने बाबा से कहा, “मुझे ऐसा टोना-टोटका चाहिए कि राजेश का सबकुछ बर्बाद हो जाए और उसके घर में हमेशा दुख और परेशानी का साया बना रहे।”
बाबा विक्रम ने रामू से भारी रकम ली और एक भयंकर टोने-टोटके की तैयारी शुरू की। उसने एक रात गांव के पास वाले श्मशान में जाकर तंत्र-मंत्र किए और एक काला तावीज़ बनाया। उस तावीज़ को उसने राजेश के घर के पास जमीन में गाड़ दिया, जिससे उसके घर में बुरी आत्माएं और अंधकार का वास हो सके।
इसके बाद से राजेश और उसके परिवार के जीवन में भयानक घटनाएं घटने लगीं। राजेश की फसलें अचानक सूखने लगीं, जैसे किसी ने उन पर जहर छिड़क दिया हो। उसकी आमदनी तेजी से घटने लगी, और धीरे-धीरे उसका सारा पैसा खत्म होने लगा। घर में अजीब-अजीब आवाजें आने लगीं, जैसे कोई किसी को पुकार रहा हो या किसी का साया उनके आसपास घूम रहा हो।
सुमन को रातों में एक बूढ़ी औरत का चेहरा दिखाई देने लगा, जो उसे घूरते हुए हंसती थी। वह डर के मारे चिल्ला उठती, लेकिन जब राजेश जागता तो उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता। धीरे-धीरे सुमन की मानसिक स्थिति भी बिगड़ने लगी। अब वह हर समय डरी-डरी सी रहने लगी, और राजेश भी इन घटनाओं से परेशान होकर अपनी सेहत खोने लगा।
एक रात, जब राजेश ने अपनी पत्नी की हालत को और अधिक बिगड़ते देखा, तो उसने गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति से इस बारे में बात की। उस बुजुर्ग ने उसे बताया कि यह टोना-टोटका का असर हो सकता है और शायद किसी ने तुम्हारी खुशियों को खत्म करने के लिए काला जादू किया है।
राजेश ने इस बात पर विश्वास नहीं किया, लेकिन जब अजीब घटनाएं और बढ़ने लगीं, तो वह मजबूर होकर उस तांत्रिक बाबा विक्रम के पास गया। बाबा ने नकली सहानुभूति दिखाते हुए कहा, “तुम पर बहुत गहरा टोना किया गया है। इसे खत्म करने के लिए एक बड़ी पूजा करनी होगी, और उसके लिए बहुत सारा खर्चा आएगा।”
राजेश ने किसी तरह अपनी बची-खुची संपत्ति बेचकर बाबा को पैसे दिए। बाबा ने एक और तावीज़ दिया और उसे घर के बाहर लटकाने को कहा। लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं बदला; बल्कि राजेश की हालत और भी खराब हो गई। घर के माहौल में अब और भी अजीब घटनाएं होने लगीं – दीवारों पर खून के धब्बे दिखाई देने लगे, और सुमन की चीखों से रातें और डरावनी हो गईं।
धीरे-धीरे राजेश को समझ में आने लगा कि बाबा ने उसे धोखा दिया है। उसने हिम्मत जुटाकर सच जानने की ठानी। एक रात वह चुपके से बाबा के आश्रम के पास छिप गया और उसने देखा कि बाबा रामू से मिलकर हंस रहा था और कह रहा था, “अब तो राजेश का पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है। तुम्हारा बदला पूरा हो गया।”
यह सुनकर राजेश का खून खौल उठा। उसे समझ आ गया कि उसके जीवन की बर्बादी का असली कारण रामू और बाबा हैं। उसने तय किया कि अब वह इस अन्याय का बदला लेकर रहेगा।
अगले दिन राजेश ने गांव के सभी लोगों को बुलाया और रामू और बाबा की करतूतों का पर्दाफाश किया। गांववालों ने बाबा विक्रम और रामू को पकड़कर गांव से बाहर निकाल दिया।
लेकिन राजेश का जीवन अब पहले जैसा नहीं रहा। तंत्र-मंत्र और टोना-टोटके के कारण उसकी सेहत और परिवार बुरी तरह बर्बाद हो चुका था। कुछ महीनों बाद राजेश अपनी पत्नी सुमन के साथ गहरे मानसिक और शारीरिक कष्ट में ही इस दुनिया से चले गए।
रामू और बाबा विक्रम की करतूतों का अंजाम भी बुरा हुआ। बाबा विक्रम पर अचानक एक दिन दिल का दौरा पड़ा और वह तड़प-तड़पकर मर गया। रामू की भी फसलें कभी नहीं फलीं, और उसकी आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई कि वह भी कंगाल होकर दर-दर भटकने लगा।
इस तरह टोने-टोटके ने न केवल राजेश का जीवन बर्बाद किया, बल्कि जिसने यह सब किया, उसे भी एक भयानक अंजाम भुगतना पड़ा।