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परिवार का सुख

  • by
indian family

शर्मा जी का परिवार एक खुशहाल परिवार था। एक दिन, शर्मा जी की फसल बेचकर घर लौटते समय उनके सामने एक बड़ी समस्या आ खड़ी हुई। रास्ते में उनकी मुलाकात रामलाल से हुई, जो गांव के सबसे बड़े साहूकार थे और अक्सर गरीब किसानों का फायदा उठाते थे। रामलाल ने शर्मा जी को देखकर व्यंग्य करते हुए कहा, “शर्मा जी, इतनी मेहनत करके क्या मिलता है? अगर मेरी बात मानोगे, तो तुम भी अमीर बन सकते हो।”

शर्मा जी ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और घर लौट आए। लेकिन उसी रात, शर्मा जी के मन में रामलाल की बातें घूमने लगीं। उन्हें लगा कि अगर वह थोड़ा जोखिम उठाएं और अपनी जमीन का कुछ हिस्सा साहूकार को सौंप दें, तो शायद उनकी जिंदगी बदल सकती है। यह बात उन्होंने घर में किसी को नहीं बताई, पर मन में एक गहरी योजना बना ली।

कुछ दिनों बाद, शर्मा जी ने रामलाल से कर्ज ले लिया और अपने खेत का आधा हिस्सा गिरवी रख दिया। इसके बाद से उनके घर में हलचल शुरू हो गई। सुमन ने जब यह बात सुनी तो वह परेशान हो गईं, पर शर्मा जी ने उसे चुप रहने को कहा। रोहन और नेहा भी इस बात से अनजान रहे।

कुछ महीनों बाद, बारिश के मौसम में फसल खराब हो गई और शर्मा जी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। रामलाल ने मौके का फायदा उठाते हुए उनसे पूरा खेत हड़पने की धमकी दे डाली। अब परिवार के पास कुछ भी नहीं बचा था। इस घटना ने सभी को तोड़कर रख दिया। सुमन को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया और रोहन ने कॉलेज छोड़कर एक छोटी नौकरी पकड़ ली।

एक दिन, रोहन की मुलाकात शहर के एक बड़े व्यापारी मिश्रा जी से हुई, जिन्होंने उसे अपनी कंपनी में काम देने का प्रस्ताव दिया। रोहन ने मेहनत और लगन से काम किया और धीरे-धीरे उसका प्रमोशन भी हो गया। अब वह अपनी कमाई से घर का खर्च चलाने लगा और परिवार की स्थिति थोड़ी सुधरने लगी।

लेकिन इसी बीच, रामलाल ने शर्मा जी पर दबाव बढ़ा दिया कि वह उसका सारा कर्ज चुका दें वरना उनकी जमीन हड़प लेगा। रोहन को यह बात पता चली, और उसने अपने सारे पैसे इकठ्ठा कर रामलाल को कर्ज चुकाने का वादा किया। पर यह इतनी आसानी से खत्म नहीं होने वाला था!

रामलाल ने चुपके से सुमन को धमकी दी कि अगर कर्ज नहीं चुका सके, तो घर पर भी दावा किया जाएगा। सुमन ने यह बात रोहन और शर्मा जी को नहीं बताई, क्योंकि वह घर में किसी भी तरह का तनाव नहीं चाहती थी।

कुछ दिनों बाद, रोहन को एक और बड़ा झटका तब लगा जब उसने मिश्रा जी की बेटी पायल से सगाई का सपना देखा। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि पायल रामलाल की रिश्तेदार थी और इस रिश्ते के पीछे रामलाल की एक नई चाल थी। पायल का परिवार बहुत अमीर था और रामलाल चाहता था कि रोहन उसके परिवार में शादी कर ले ताकि वह घर और जमीन पर अपना दावा कर सके।

सगाई की तैयारियाँ शुरू हो गईं, पर नेहा ने पायल की असलियत को भांप लिया। उसने रोहन को बताया कि पायल और रामलाल के बीच गहरी सांठगांठ है। यह सुनते ही रोहन का दिल टूट गया और उसने सगाई तोड़ने का फैसला किया। पायल ने रोहन को धमकी दी कि अगर उसने शादी नहीं की, तो उनके परिवार को बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी।

अब सुमन ने अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने परिवार को सच्चाई बताई कि रामलाल ने उसे कैसे धमकाया था। इस बात को सुनकर शर्मा जी का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अपने गांव के सभी लोगों को इकट्ठा किया और रामलाल की करतूतें सबके सामने उजागर कीं।

गांववालों ने रामलाल का विरोध किया और उसे मजबूर कर दिया कि वह शर्मा जी का कर्ज माफ करे। आखिरकार, रामलाल की साजिश का पर्दाफाश हो गया और उसने शर्मिंदा होकर गांव छोड़ दिया।

अंत में, शर्मा जी का परिवार फिर से खुशहाल हो गया। रोहन ने अपनी मेहनत से परिवार का भविष्य संवारने का सपना देखा और नेहा ने पढ़ाई पूरी कर एक शिक्षक बनने का सपना साकार किया। परिवार में एक बार फिर प्यार, अपनापन और सच्चे सुख की वापसी हुई।

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